मैंने कई एक्सपर्ट्स को टीवी चेनलो पे ये कहेते हुए सुना की सिर्फ नारे लगाना देशद्रोह नहीं हैा तो मेरा उन तथाकथित बुधिजिवियो से यह सवाल है की, की अगर कोई आपको जान से मारने की धमकी दे तो वह गुनाह नहीं बनता? डेफिनेटली वह गुनाह बनता हैा जबकि आपको मारा नहीं हैा वैसे ही भले ही जेएनयु के छात्रो ने देश के टुकड़े अभी नहीं किये हो, लेकिन उनकी मनसा तो उन नारों से साफ हो जाती हैा
जेएनयु कई सालो से डाबेरियो का गढ़ रहा हैा यह पूरा मामला देखे तो यही लगता है की लेफ्ट पार्टीस को देश से ज्यादा अपनी विचारधारा ज्यादा जरुरी लगती हैा नहीं तो यह बवाल होता ही नहींा
जब जब इस देश में राईट विंग की सरकार बनती है तब तब एसा माहोल बनाया जाता है जैसे मानो आसमान गिर पड़ा होालेफ्ट विंग की सबसे बड़ी कमजोरी यही है की, वो सोचते है की उसकी सोच ही सही है, बाकि सब तो बस अवसरवादी हैा
जो लोग यह बोल रहे है न की भारत में अभिव्यक्ति की आज़ादी नहीं है, उनको कुछ दिनों के लिए नार्थ कोरिया हो आना चाहिएा भारत में आप जो चाहे बोलो पर प्लीज़ मेरी मा के तुकडे करने की बात मत बोलोा हो सकता है की आज आप की विचारधारा पूरी दुनिया के बारे में सोचती हो इसी लिए अफजल आपको प्यारा लगता होा और सायद आप कल से पुरे ब्रम्हांड की चिंता में लग जाए, पर मुझे जिस मिटटी ने पाल-पोश कर बड़ा किया हो उसकी जयकार आप नहीं कर सकते तो ठीक है पर उस पर हाय हाय भी हम नहीं सुन सकतेा
देश को अभी काफी कुछ आगे बढ़ाना है, एसी घटिया सोच इन्हें रोक रही है और अफजल की जयकार कई सारे आतंकी को पोश रही हैा
हमारे लिए यह सरम की बात है की तथाकथित बुधिजिवियो को सिर्फ बोलने की आज़ादी तो दिखाइ दे रही है पर उस रात लगे वो देश द्रोह के नारे नहीं दिख रहेा
अंत में बस इतना कह सकते है, समुद्र मंथन चल रहा हैा जहर निकल ने दीजिये बाद में सिर्फ अमृत ही बचेगा ।
जय हिन्द । वन्दे मातरम।
जेएनयु कई सालो से डाबेरियो का गढ़ रहा हैा यह पूरा मामला देखे तो यही लगता है की लेफ्ट पार्टीस को देश से ज्यादा अपनी विचारधारा ज्यादा जरुरी लगती हैा नहीं तो यह बवाल होता ही नहींा
जब जब इस देश में राईट विंग की सरकार बनती है तब तब एसा माहोल बनाया जाता है जैसे मानो आसमान गिर पड़ा होालेफ्ट विंग की सबसे बड़ी कमजोरी यही है की, वो सोचते है की उसकी सोच ही सही है, बाकि सब तो बस अवसरवादी हैा
जो लोग यह बोल रहे है न की भारत में अभिव्यक्ति की आज़ादी नहीं है, उनको कुछ दिनों के लिए नार्थ कोरिया हो आना चाहिएा भारत में आप जो चाहे बोलो पर प्लीज़ मेरी मा के तुकडे करने की बात मत बोलोा हो सकता है की आज आप की विचारधारा पूरी दुनिया के बारे में सोचती हो इसी लिए अफजल आपको प्यारा लगता होा और सायद आप कल से पुरे ब्रम्हांड की चिंता में लग जाए, पर मुझे जिस मिटटी ने पाल-पोश कर बड़ा किया हो उसकी जयकार आप नहीं कर सकते तो ठीक है पर उस पर हाय हाय भी हम नहीं सुन सकतेा
देश को अभी काफी कुछ आगे बढ़ाना है, एसी घटिया सोच इन्हें रोक रही है और अफजल की जयकार कई सारे आतंकी को पोश रही हैा
हमारे लिए यह सरम की बात है की तथाकथित बुधिजिवियो को सिर्फ बोलने की आज़ादी तो दिखाइ दे रही है पर उस रात लगे वो देश द्रोह के नारे नहीं दिख रहेा
अंत में बस इतना कह सकते है, समुद्र मंथन चल रहा हैा जहर निकल ने दीजिये बाद में सिर्फ अमृत ही बचेगा ।
जय हिन्द । वन्दे मातरम।